बॉलीवुड की दिलकश अदाकारा मीना कुमारी का आज जन्मदिन है| महज चालीस साल की उम्र में महजबीं उर्फ मीना कुमारी खुद-ब-खुद मौत के मुँह में चली गईं।उनके पिता अली बक्श भी फिल्मों में और पारसी रंगमंच के एक मंझे हुये कलाकार थे और उन्होंने कुछ फिल्मों में संगीतकार का भी काम किया था। उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो),भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी जिनका ताल्लुक टैगोर परिवार से था ।
मीना ने पहली बार किसी फिल्म के लिये छह साल की उम्र में काम किया था। उनका नाम मीना कुमारी विजय भट्ट की खासी लोकप्रिय फिल्म बैजू बावरा पड़ा। मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थे। मीना कुमारी के आने के साथ भारतीय सिनेमा में नयी अभिनेत्रियों का एक खास दौर शुरु हुआ था जिसमें नरगिस, निम्मी, सुचित्रा सेन और नूतन शामिल थीं।
1953 तक मीना कुमारी की तीन सफल फिल्में आ चुकी थीं जिनमें : दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता शामिल थीं. परिणीता से मीना कुमारी के लिये एक नया युग शुरु हुआ। परिणीता में उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खास प्रभावित किया था चूकिं इस फिल्म में भारतीय नारियों के आम जिदगी की तकलीफ़ों का चित्रण करने की कोशिश की गयी थी। लेकिन इसी फिल्म की वजह से उनकी छवि सिर्फ़ दुखांत भूमिकाएँ करने वाले की होकर सीमित हो गयी। लेकिन ऐसा होने के बावज़ूद उनके अभिनय की खास शैली और मोहक आवाज़ का जादू भारतीय दर्शकों पर हमेशा छाया रहा।
मीना कुमारी की शादी मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही के साथ हुई लेकिन स्वछंद प्रवृति की मीना अमरोही से 1964 में अलग हो गयीं। फिल्म फूल और पत्थर (1966) के नायक ही-मैन धर्मेन्द्र से वह एक तरफ़ा इश्क करने लगीं|फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए प्रयास कर रहे धर्मेन्द्र को भी मीना जैसी स्थापित अभिनेत्री का सहारा मिला और उन्होंने करियर को आगे बढ़ाने के लिए मीना का जमकर सहारा लिया|
मीना की सिफारिश पर धर्मेन्द्र को कई फिल्मों में काम मिला| गरम धरम ने मीना को सूनी-सपाट अंधेरी जिंदगी को एक ही-मैन की रोशन से भर दिया। कई तरह के गॉसिप और गरमा-गरम खबरों से फिल्मी पत्रिकाओं के पृष्ठ रंगे जाने लगे।
इसके बाद धर्मेन्द्र ने भी उनका साथ छोड़ दिया और मीना गम में डूब गयीं| अकेलेपन को दूर करने के लिए उन्होंने शराब को अपना हमसफ़र बनाया| वह पहली अभिनेत्री थीं, जिन्होंने बॉलीवुड में पराए मर्दों के बीच बैठकर शराब पी। धर्मेन्द्र की बेवफाई ने मीना को अकेले में भी पीने पर मजबूर किया।इसके बाद मीना को ब्लड कैंसर हुआ और एक दिन वह हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गईं|
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