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स्पेशल रिपोर्ट: क्रिकेट की पिच पर मात खाता बॉलीवुड

Akshay as Cricketer
पूरी दुनिया में यह बात मशहूर है कि भारत के लोग फिल्म और क्रिकेट के दीवाने हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि जब-जब बॉलीवुड में क्रिकेट की पिच को ध्यान में रखकर कहानी लिखी गई और किरदार रचे गए, तब ज्यादातर हिंदी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर ‘क्लीन बोल्ड’ ही होना पड़ा है। साल 2001 में आई आमिर खान की फिल्म ‘लगान’ इस मामले में जरूर अपवाद साबित हुई। लेकिन इससे कई साल पहले जब क्रिकेट के बड़े भारी प्रशंसक रहे सदाबहार अभिनेता देव आनंद ने इस खेल को आमिर खान के साथ सिनेमाई पर्दे पर उतारने की कोशिश की थी, तब वह कोशिश नाकामयाब रही थी। फिल्म थी ‘अव्वल नंबर’। इस फिल्म में क्रिकेट के मैदान में और मैदान के बाहर होनेवाले सारे दांव-पेंचों को उकेरा गया था। लेकिन फिर भी यह फिल्म क्रिकेट की दीवाने दर्शकों को ज्यादा रास नहीं आई।

साल 2005 में आई फिल्म ‘इकबाल’ क्रिकेट पर बड़ी ईमानदारी से बनाई गई फिल्म थी। श्रेयस तलपड़े ने इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसे दिग्गज कलाकार नसीरुद्दीन शाह का साथ मिला था। कहानी एक गरीब लड़के की थी, जो सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक चुनौतियों को पार कर राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में शामिल होने की ख्वाहिश रखता है। इस फिल्म को समीक्षकों की सराहना मिली, कई पुरस्कार मिले, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह कोई बड़ा धमाका नहीं कर पाई।

फिल्म ‘पटियाला हाउस’ में गेंदबाजी करते बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार से भी दर्शकों ने मुंह मोड़ा और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई।

बड़े पर्दे पर क्रिकेट खेलती रानी मुखर्जी पहली हीरोइन रही। ‘दिल बोले हडिप्पा’ में जब रानी ने बल्ला थामा, तब शाहिद कपूर बस देखते ही रह गए। हालांकि इस फिल्म को देखने सिनेमाघरों में ज्यादा दर्शक नहीं पहुंच सके।

मिलन लुथरिया की फिल्म ‘हैटट्रिक’ में क्रिकेट की दीवानी रिम्मी सेन और कुणाल कपूर की जोड़ी थी। फिल्म में क्रिकेट और क्रिकेट की दीवानगी को दर्शाया गया था। रिम्मी ने एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया था, जो धोनी की बहुत बड़ी फैन थी। यह फिल्म भी बॉक्स आफिस पर फिसड्डी साबित हुई। राजेन्द्र कुमार के बेटे कुमार गौरव की फिल्म ‘ऑल राउंडर’ में भी क्रिकेटर बनने की चाहत, संघर्ष और खेल की बारीकियों को खूबसूरती से दिखाया गया था। हालांकि फिल्म कुमार गौरव को बॉलीवुड में स्थापित करने में नाकामयाब रही।

वैसे ‘लगान’ क्रिकेट पर आधारित अब तक की सबसे सफल फिल्म रही है। फिल्म में गुलाम भारत के एक छोटे से गांव के लोग अंग्रेजों के खेल में अंग्रेजों को मात देते हैं। ‘लगान’ में गांववालों और अंग्रेजों के बीच फिल्माए गए मैच की अवधि करीब एक घंटे थी, लेकिन मैच के दौरान भी दिलचस्पी के पल लगातार बने रहते हैं। वैसे फिल्म को आमिर खान का पर्फेक्ट टच भी मिला था, जिसके दम पर फिल्म ऑस्कर पुरस्कार के करीब जा पहुंची थी।

वैसे खेल पर आधारित फिल्में भले ही बॉक्स ऑफिस पर कोई रिकॉर्ड न तोड़ पाई हों, लेकिन मैच फिक्सिंग पर आधारित इमरान हाशमी की फिल्म ‘जन्नत’ ने विश्वस्तर पर कई रिकॉर्ड तोड़े। ‘आवारापन’, ‘द ट्रेन’ और ‘गुड ब्वॉय बैड ब्वॉय’ जैसी लगातार असफल हो रही फिल्मों के बाद ‘जन्नत’ इमरान हाशमी की बेहद सफल फिल्म रही। फिर भी कुल मिलाकर यह तो कहा ही जा सकता है भारत में क्रिकेट कितना भी लोकप्रिय क्यों ना हो, इस खेल को भुनाने के मामले में बॉलीवुड के अधिकतर फिल्म निर्माता लचर ही साबित हुए हैं।
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