बॉलीवु़ड में कॉमेडी जॉनर फिल्मों को सफलता का फार्मूला मान लिया गया है। यही कारण है कि पिछले कई वर्षों से कॉमेडी जॉनर की फिल्में कुछ ज्यादा ही बनने लगी हैं।
इस सप्ताह रिलीज हुई 'मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है' भी एक कॉमेडी फिल्म है। सुनील शेट्टी और राजपाल यादव की छौंक और तड़के के बावजूद फिल्म अपनी थकाऊ पटकथा और डॉयलाग से दर्शकों को हंसाने में नाकाम हो जाती है।
हेराफेरी और फिर हेराफेरी फेम सुनील शेट्टी और राजपाल यादव जैसे स्टार कलाकारों की मौजदूगी को बॉक्स ऑफिस ओपनिंग के लिए अच्छा माना जा सकता है, लेकिन स्टारकॉस्ट के बावजूद इस फिल्म को औसत से कम रिस्पांस मिला है।
पूरी फिल्म अमर जोशी (सुनील शेट्टी) के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म निर्देशक बनने का हसरत लिए अमर मुंबई आता है, लेकिन एक अच्छी पटकथा होने के बावजूद फिल्म निर्माण के लिए ना उसके पास फंड है और ना ही कोई प्रोड्युसर।
लेकिन अमर का दोस्त और बॉलीवुड का एक कलाकार (राजपाल यादव) अमर को एक फाइनेन्सर से मुलाकात करवाता है, जो डॉन है, जो कुछ शर्तों के साथ फिल्म प्रोड्युश करने के लिए तैयार हो जाता है।
बावजूद इसके फिल्म अजीबोगरीब हालातों के कारण उलझ जाती है और दर्शकों को बांधने में नाकाम रहती है। हालांकि फिल्म का कॉन्सेप्ट दिलचस्प है, लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस कांसेप्ट पर पहले भी अक्षय खन्ना स्टारर 'शार्टकट' फिल्म बन चुकी है, जिसका बॉक्स ऑफिस परिणाम भी बुरा रहा था।
फिल्म का पहला हॉफ कुछ ठीक है, लेकिन दूसरे हॉफ में कॉमेडी औऱ पंच की कमी फिल्म को कमजोर बनाते हैं, वहीं अपरिपक्व निर्देशन भी अखरता हैं।
पूरी फिल्म में सुनील शेट्टी और राजपाल यादव दिखाई देते हैं। जबकि उदिता गोस्वामी के रोल में कुछ दम नहीं था। लेकिन राकेश बेदी की भूमिका आपको जरूर पसंद आएगी।
इस सप्ताह अगर आपके पास कोई और च्वाइस नहीं है, तो अकेले बोर होने से बेहतर है कि 'मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी हैं' को मिस ना करें, क्योंकि यह फिल्म आपको हंसने के कुछ मौके जरूर देगा।
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» पोस्ट-मार्टमः मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है।

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