
लगता है कि अभिनेता विवेक ओबेराय के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं।
बॉलीवुड में वो अपनी जगह बनाने के लिए किस्मत आजमा रहे हैं वहीं अन्य कामों में भी उन्हें सास्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 3 करोड़ से अधिक के चेक बाउंस होने के एक मामले में गुरुवार को एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने विवेक ओबेराय और उनके पिता सुरेश ओबेराय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
इनके साथ ही ओबेराय मल्टीमीडिया लिमिटेड के एक प्रबंधक ओर निदेशक मंडल के चार सदस्यों के खिलाफ भी वारंट जारी किए गए हैं। इस कंपनी को कथित तौर पर पिता-पुत्र की जोड़ी के दिश-निर्देश और पर्यवेक्षण के तहत चलाया जा रहा था।
दिसंबर 2010 के बाद से पिछली तीन सुनवाई के दौरान अदालत में सभी आरोपियों के अनुपस्थित रहने पर अदालत ने उनके खिलाफ शिकायतकर्ता वकील के आवेदन पर गैर जमानती वारंट जारी कर दी।
वकील एचएच नेगी के अनुसार अभियुक्तों को दो बार सुनवाई से उनकी अनुपस्थिति के लिए छूट दी गई लेकिन गुरुवार को अदालत में उनके तीसरी बार अनुपस्थित रहने के कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आवेदन पर अनुमति दे दी।
शिकायतकर्ता जवाहरलाल अगीचा ने बताया कि अभिनेता सुरेश ओबेराय के रिश्तेदार व कंपनी के एमडी आनंद ओबेराय और मैनेजर अनिल बालवानी ने उनसे अपने प्रोडक्ट्स के भारत व विदेशों में ब्रांड प्रोमोशन के लिए आर्थिक मदद करने को कहा।
3.9 करोड़ रूपए के लोन के एवज में उन्हें बिल ऑफ एक्सचेंज और पोस्ट डेटेड चेक दिए गए। चेक के माध्यम से जनवरी 2010 में अगीचा को केवल 50,000 रूपए ही मिल पाए जबकि 19 अक्तूबर, 2010 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में वसूली के लिए भेजे गए 3 करोड़ रूपए के चेक बाउंस हो गए।
न्यू इंडिया को-ऑपरेशन बैंक, वर्सोवा ने चेक को यह कहते हुए लौटा दिया कि यह खाता बंद कर दिया गया है।
मामला अदालत में दिसंबर 2010 को तब पहुंचा जब आरोपियों ने मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
0 comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.