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पिताजी ने मुझसे पूछा था, क्या तुम भी बोफोर्स घोटाले में शामिल हो


बोफोर्स रिश्वत मामले में क्लीन चिट मिल जाने पर बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने खुशी जताई है। महानायक ने बुधवार को कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि सच्चाई 25 वर्षो के बाद सामने आई।

पत्रकारों से बातचीत में बच्चन ने बोफोर्स मामले में स्वीडन के एक जांचकर्ता के खुलासों का स्वागत किया। बच्चन ने कहा कि इन वर्षो में वह अपमान एवं प्रतिष्ठा की हानि के साथ जीवन बिताए।

उन्होंने कहा,मैं खुश हूं कि सच्चाई 25 वर्षो के बाद उजागर हुई ..

महानायक ने हालांकि कहा कि काश उनके पिता स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन यह देख पाते। उन्होंने कहा, मेरा परिवार बोफोर्स मामले की सच्चाई पहले दिन से ही जानता था।"

बच्चन ने कहा, "मेरे पिता ने एक बार मुझसे पूछा था कि क्या मैं वास्तव में इस घोटाले में संलिप्त हूं। मेरी इच्छा थी कि इस सच्चाई से पर्दा मेरे पिता के जीवित रहते उठे।"

ज्ञात हो कि बोफोर्स मामले की जांच करने वाले स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रोम ने दावा किया है कि इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ रिश्वत लेने के साक्ष्य नहीं हैं और अमिताभ बच्चन तथा उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए आरोप सुनियोजित थे।

अपने ब्लॉग बिगबी डॉट बिगअड्डा डॉट कॉम पर अमिताभ ने लिखा कि वह अपना व्यक्तिगत अनुभव बता रहे हैं। घटना के 25 साल बाद उन्हें एक-एक करके सभी घटनाएं याद आ रही हैं। उन्होंने लिखा, "किसी को भी इसका एहसास नहीं हो सकता कि इस दौरान मैं कितनी पीड़ा से गुजरा।

अमिताभ की पत्नी व राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने कहा, हम तो सच्चाई 25 साल पहले भी जानते थे। लेकिन न्याय मिलने में समय लगता है। हम निर्दोष साबित हुए।"

एक साक्षात्कार में लिंडस्ट्रोम ने कहा है कि बोफोर्स समझौते में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के रिश्वत लेने के साक्ष्य नहीं हैं, लेकिन उन्होंने इटली के व्यवसायी ओत्तावियो क्वात्रोक्की को बचाने की कोशिशों पर रोक नहीं लगाई।

उन्होंने यह भी कहा कि अमिताभ और उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए आरोप सुनियोजित थे, जो भारतीय जांचकर्ताओं ने स्वीडन के समाचार पत्र दागेन्स नाइहीटर में गढ़े थे।
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