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अभागी बॉलीवुड हीरोइन की दर्दनाक दास्तां...



बॉलीवुड की एक सी ग्रेड अभिनेत्री लैला खान की रियल लाइफ की कहानी किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं, पिछले एक साल से अपने परिवार सहित लापता इस अभागे अभिनेत्री के गायब होने पर कई रहस्य भरी कहानियां सामने आई। लेकिन जब इस राज से पर्दा उठा तो एक दर्दनाक अंत सामने आया। लैला की परिवार सहित बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारा लैला का सौतेला पिता ही निकला जिसने पुलिस से बचने के लिए लैला और उसके परिवार के बारे में सनसनीखेज कहानियां फैलाई। यह मालमा तब एकदम से चर्चा में आया जब लैला की कार जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में लावारिस हालत में मिली। इसके साथ ही लैला को लेकर कई कहानियां सामने आई।

 कहानी न. एक -

 बॉलीवुड फिल्म में काम कर चुकी लैला खान पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के आरोप लगने के बाद एक और सनसनीखेज आरोप में कहा गया कि अब लैला 'डी कंपनी' में शामिल हो गई है। जम्मू-कश्मीर क्राइम ब्रांच द्वारा पकड़े गए एक संदिग्ध परवेज अहमद ने पूछताछ में बताया कि लैला खान इन दिनों दुबई में दाऊद इब्राहिम के लिए काम कर रही हैं। परवेज ने पुलिस को गुमराह करने के लिए बताया कि लैला खान ने दाऊद के करीबी कमल यदानी के बेटे से शादी भी कर ली है। कमल हवाला कारोबार के जरिए दाऊद की मदद करता रहा है। परवेज ने बताया कि लैला ने कमल के बेटे सोनू से शादी कर ली है। 

 कहानी न. दो -

 पिछले करीब एक साल से परिवार सहित लापता पाकिस्तानी अभिनेत्री लैला खान पर आरोप है कि लैला ने अपने परिवार के दो सदस्यों और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर पिछले साल मुंबई की रैकी की थी। इसके अलावा उसने आतंकी संगठन के लिए शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों के कुछ नक्शे और कुछ फोटोग्राफ भी जुटाए थे। संदेह जताया गया कि लश्कर पिछले साल मुंबई पर हमला करने की साजिश रच रहा था और इसके लिए उसने लैला का इस्तेमाल किया था। यही नहीं पिछले साल सितंबर में दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर हुए धमाकों में भी लैला की संलिप्तता का शक हुआ। संदेह जताया गया कि लैला के सौतेले पिता आसिफ शेख और उसकी बहन अजमीना पटेल का लश्कर से घनिष्ठ संबंध है। परवेज के बयान के मुताबिक पुलिस ने कई बिंदुओं पर जांच को फोकस किया। एक थ्योरी के मुताबिक लैला सहित 4 और लोगों ने फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत से भागकर अपनी मौत की कहानी फैलाई। दूसरी थ्योरी के मुताबिक फिलहाल लैला हवाला के जरिए दाऊद और लश्कर के काले धन को भारत और पाकिस्तान में आतंकी कारनामों को अंजाम देने के लिए पहुंचा रही है। इसके अलावा टाक से पूछताछ में पुलिस को शक हो गया था कि लैला का कत्ल हो चुका है। इंटेलिजेंस को भी विश्वास हो चला था कि संपत्ति के लालच में लैला के ही किसी करीबी ने उसका परिवार सहित कत्ल कर लाश कहीं दबा दी है। 

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के प्रमुख हिमांशु राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के कारोबारी टाक से पूछताछ के बाद ईष्या, धोखा और लालच की कहानी उजागर हुई।

 लैला की मां शेलीना का तीसरा पति टाक जम्मू-कश्मीर में एक वन ठेकेदार के तौर पर काम करता था। उसके संबंध लश्कर-ए-तैयबा के साथ माने जाते हैं। उसने पूछताछ में बताया कि उसे शेख की शेलीना के साथ बढ़ती नजदीकी पसंद नहीं थी। राय ने कहा कि टाक को यह बात पसंद नहीं थी कि शेख अभी भी परिवार के साथ संपर्क बनाए हुए था। उसे यह बात पसंद नहीं थी कि शेख पर इतना अधिक भरोसा किया जाता है। जब लैला खान का परिवार इगतपुरी के फार्महाउस पर छुट्टियां मनाने गया था तब शेलीना ने टाक को बताया था कि वह शेख को संपत्ति की देखभाल का जिम्मा सौंपना चाहती है। उसने इसके लिए पावर ऑफ अटॉर्नी भी तैयार करवा ली है। इस बात से टाक चिढ़ गया। सूत्रों ने बताया कि इसकी वजह से ही कथित हत्याएं की गईं। पिछले वर्ष सात फरवरी की उस रात को इगतपुरी स्थित फार्महाउस पर टाक और शेलीना के बीच गर्मागरम बहस हुई, जिसके बाद उसने शेलीना पर धारदार वस्तु से प्रहार किया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। टाक ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने लैला और परिवार के बाकी सदस्यों की हत्या इसलिए की क्योंकि उन्होंने उसे शेलीना की हत्या करते हुए देख लिया था। परिवार के एक मात्र पुरुष सदस्य की लोहे की छड़ से प्रहार कर हत्या कर दी गई। टाक ने स्वयं यह कबूल किया है कि ये हत्याएं उसने की हैं और उसकी निशानदेही पर फार्महाउस से छह कंकाल बरामद किए गए हैं। हत्या के बाद इन शवों जमीन के अंदर दबाकर इस पर पत्थर रख दिया गया था ताकि कोई जंगली जानवर नहीं खींच सके। सौतेले पिता परवेज टाक ने बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान, उसकी मां शेलीना एवं परिवार के चार अन्य सदस्यों की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह लैला की मां के पहले पति से घनिष्ठता पसंद नहीं कर रहा था और परिवार के सदस्यों के दुबई चले जाने के निर्णय के कारण अकेला महसूस करने लगा था। संयुक्त आयुक्त अपराध ने कहा कि हालांकि फॉरेंसिक और डीएनए विशेषज्ञ ही पीड़ितों की पहचान स्थापित कर रकते हैं, लेकिन ये कंकाल टाक के बताए गए स्थान से ही बरामद किए गए हैं।

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