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गंभीर अभिनेता की कतार में शाहिद कपूर

अभिनेता शाहिद कपूर ‘इश्क विश्क’ से ‘मौसम’ के अपने 10 साल के फिल्मी सफर के दौरान गम्भीर अभिनेता बन गए हैं। आज शाहिद अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हैं जब वह स्टूडियों के चक्कर लगाते थे। शाहिद का मानना है कि ‘मौसम’ में हरिंदर सिंह का किरदार अभिनेता के रूप उनके जीवन से मिलता है। इस फिल्म के द्वारा शाहिद के पिता एवं मशहूर अभिनेता पंकज कपूर ने निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा है। अपने बीते दिनों को याद करते हुए शाहिद का कहना है कि आज वह जिस जगह हैं 10 साल पहले वह वहां पहुंचने के लिए सपने देखा करते थे। करियर की शुरुआत में वह असमंजस में थे लेकिन अब जानते हैं कि क्या करना है।
बेहतरीन डांसर शाहिद का कहना है कि जब उन्होंने करियर शुरू किया था तो वास्तव में कुछ नहीं जानते थे। उनके पास अभिनय के प्रति केवल जुनून था। शाहिद का मानना है कि अभिनय को ही वह दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। लेकिन करियर के शुरुआती चार-पांच साल में वह असमंजस में थे। उन्हें सही गलत के विषय में बताने वाला कोई नहीं था।
शाहिद को अभी भी अपने पिता की दी गई नसीहत याद है। पिता पंकज कपूर ने अभिनेता होने के बावजूद शाहिद को खुद गलतियां करके सीखने की सलाह दी। शाहिद ने भी वही किया। शाहिद का कहना है कि काम वही करो जो तुम चाहते हो। भूल जाओ कि काम क्या होगा। इस तरह वह फिल्में करने लगे और उनका करियर एक आकार लेता गया।
शाहिद का कहना है कि वह चार-पांच साल पहले इस तरह काम करना शुरू किया और आज वह अपनी सफलता पर बहुत खुश हैं। अपने काम से संतुष्ट हैं। शाहिद की सफल फिल्मों में ‘विवाह’, ‘बदमाश कम्पनी’, ‘जब वी मेट’, और ‘बदमाश कम्पनी’ हैं। ‘मौसम’ में भी उन्होंने वही किया जो उनके पिता ने करने के लिए कहा था। शाहिद का मानना है कि निर्देशन के क्षेत्र से वह फिलहाल दूर रहेंगे। पिताजी को फिल्म निर्माण के दौरान तनाव से गुजरते देखा है निर्देशन में उनकी कोई रुचि नहीं है।
शाहिद के सितारे आज सातवें आसमान पर हैं लेकिन शुरुआत में उन्हें काफी संघर्ष भी करना पड़ा था। शाहिद का ग्लैमर जगत में प्रवेश विज्ञापनों और म्यूजिक वीडियो से हुआ। केन घोष निर्देशित इश्क विश्क के साथ शाहिद कपूर का पदार्पण हिन्दी फिल्मों में हुआ और उसके बाद तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कपूर के छोटे से फिल्मी कैरियर की सबसे उल्लेखनीय फिल्म विवाह है। विवाह के बाद शाहिद के कैरियर को नई ऊंचाई मिली। वह गंभीर अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। 2007 में आई फिल्म “जब वी मेट” के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर के लिए नामांकित भी किया गया था। इसके अलावा 2009 में आई "कमीने" भी बहुत सफल फिल्म रही। शाहिद कपूर ने 2010 में भी “बदमाश कंपनी” में बहुत अच्छा काम किया है।
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