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| Hrithik Roshan Worshipping |
(अक्षय तृतीया पर विशेष)
जब-जब हिंदी फिल्म के गीतों में या संवादों में दर्शकों को धर्म और भगवान का आभास हुआ है, तब-तब दर्शकों ने उस फिल्म को हाथों-हाथ लिया है। आप यह भी कह सकते हैं कि धर्म और भगवान की शरण में बॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों ने सफलता का स्वाद चखा है। ‘मैं तो आरती उतारूं रे, संतोषी माता की’ गाने ने साल 1975 में आई फिल्म ‘जय संतोषी मां’ को जो सफलता दिलाई, उसने फिल्म इंडस्ट्री को चौंकाकर रख दिया था।
(अक्षय तृतीया पर विशेष)
जब-जब हिंदी फिल्म के गीतों में या संवादों में दर्शकों को धर्म और भगवान का आभास हुआ है, तब-तब दर्शकों ने उस फिल्म को हाथों-हाथ लिया है। आप यह भी कह सकते हैं कि धर्म और भगवान की शरण में बॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों ने सफलता का स्वाद चखा है। ‘मैं तो आरती उतारूं रे, संतोषी माता की’ गाने ने साल 1975 में आई फिल्म ‘जय संतोषी मां’ को जो सफलता दिलाई, उसने फिल्म इंडस्ट्री को चौंकाकर रख दिया था।
रणबीर कपूर की फिल्म ‘रॉकस्टार’ का सूफियाना गीत ‘मौला मेरे’ भी बेहद पसंद किया गया। फिल्म में रणबीर का काम सराहा गया और फिल्म सफल साबित हुई। रणबीर इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर एवार्ड भी ले उड़े।
यह भी बता दें कि शाहरुख खान ने भी जब 1978 में आई अमिताभ की फिल्म ‘डॉन’ का रीमेक बनाया था, तब उन्होंने भी सड़कों पर गणेश भगवान की स्तुति में ‘तुझको अपना जलवा दिखाना ही होगा, अगल बरस आना है आना ही होगा’ गीत गाकर गणपति बाप्पा के आगे सिर झुकाया था।
वैसे अमिताभ बच्चन की लगभग सभी सुपरहिट फिल्मों को भी किसी न किसी रूप से ऊपरवाले का आशीर्वाद मिलता रहा है। फिर वह ‘कुली’ फिल्म हो, जिसमें बिग बी ने ‘मदीनेवाले को मेरा सलाम कहना’ गाकर ना जितने कितनी दुआएं अपने नाम कर लीं, या फिर ‘अमर अकबर एंथनी’ फिल्म का वह गीत हो, जहां अकबर यानी ऋषि कपूर साईबाबा की स्तुति करते दिखे थे। अमिताभ की फिल्म ‘दीवार’ का वह भाग्यशाली नंबर 786 भी आपको जरूर याद होगा, जिससे दूर होते ही अमिताभ बच्चन को मौत ने अपने पास बुला दिया था। फिल्म ‘सुहाग’ का गीत ‘सबसे बड़ा है तेरा नाम, ओ शेरोवाली’ आज भी गरबा आयोजनों के दौरान सुना-सुनाया जाता है।

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