मल्लिका को मदर्स डे पर अपनी मां की याद आई है। मल्लिका का कहना है कि वे मां द्वारा बनाए गए आलू के पराठों को कभी भूल नहीं सकती है।
वे बताती हैं कि बचपन में वे और उनके भाई को मां अक्सर आलू के पराठे बनाकर खिलाया करती थी। इन पराठों पर वे खुद के द्वारा बनाया गया देसी घी लगाती थी।
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| Malika serwat |
मल्लिका का कहना है कि मां के हाथों से बने खाने का कोई मुकाबला नहीं होता है। हर बेटे या बेटी की ख्वाहिश रहती है कि वह अपनी मां के हाथों से बना भोजन करें।
अब मल्लिका अपने फिगर के प्रति बेहद सजग हो गई हैं इसलिए आलू के पराठे वे अब नहीं खाती। फिलहाल मल्लिका कान फिल्म समारोह में जाने की तैयारी कर रही हैं।

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