अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर फिल्मी सितारों और प्रोड्यूसरों-डाइरेक्टरों के आने पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलमा में छाई चुप्पी पर दरगाह प्रमुख ने हैरानी जताते हुए इस पर रोक लगाने के उपायों पर विचार करने का आह्वान किया है। इस्लाम में नृत्य और फिल्मों पर पाबंदी है। ऐसे पेशे से जुड़े लोगों के अपनी फिल्मों के प्रचार के लिए दरगाह पर आने पर उन्होंने आपत्ति जाहिर की है।
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Priyanka chopra and sharukh khan, |
सज्जादा-नशीन दीवान जैनुल आबदीन अली खान को इस बात का कष्ट है सितारे यहां अपनी फिल्मों की सीडी चढ़ाते हैं। ये फिल्में अश्लीलता फैला रही हैं। युवाओं पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। दूसरी बात यह है कि वे लोग दरगाह का इस्तेमाल खालिस मुनाफे के लिए कर रहे हैं। करोड़ों लोगों की आस्था की इस पाक जगह को इस्लाम में वर्जित चीजों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हो रहा है।
इस पर रोक लगाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम ही नहीं, किसी भी धर्म के खिलाफ हो रही गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। पिछले दिनों दरगाह पर एक हीरो बुर्का पहन कर पहुंचा था जबकि एक हीरोइन स्कर्ट में हाजिर हुई थी। यह सब ध्यान आकृष्ट करने के लिए है। आम जायरीन की तरह उनके आने पर कोई एतराज नहीं है।
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