'आप हैं, तो स्टार हैं'। अजय देवगन.....सही मायनों में लोगों ने औसत से दिखने वाले हीरो को सिर आंखों पर बैठाकर सुपरस्टार बना दिया। उनकी असफलता की ढेरों भविष्यवाणियां हुईं...उन्हें खारिज किए जाने के कई प्रयास हुए लेकिन इस देसी धरतीपकड़ ने जमीन नहीं छोड़ी। हाल ही में उनकी दो फिल्में 'गोलमाल-2' और 'बोल बच्चन' 100 करोड़ के क्लब में शामिल हुई हैं। अजय से बेहतर दिखने वाले कई सितारों का आज नामोनिशान नहीं है। फिल्मी परिवार, सुविधाओं के बावजूद उदय चोपड़ा साधारण हीरो तक नहीं बन पाए। कुमार गौरव का कोई नामलेवा नही है।
विरोधाभासी बात यह है कि अजय देवगन देखने में जितने गंभीर और भोले दिखाई देते हैं उनकी शरारतें उतनी ही खतरनाक हैं। एक बार तो भोपाल में उन्होंने कैटरीना कैफ को ऐसा उलझाया कि जब राज खुला कैटरीना मुंहबाए देखती रही गईं। किस्सा भोपाल में फिल्म 'राजनीति' की शूटिंग के दौरान का है। अजय ने रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल और मनोज बाजपेयी के साथ मिलकर कैट को उल्लू बना दिया। चारों ने मिलकर कैटरीना को कन्विस करवा दिया कि आज नाना पाटेकर का जन्मदिन है। हमें उन्हें कोई गिफ्ट देना चाहिए। अजय ने कहा मेरे पास नाना को देने के लिए सबसे बढ़िया गिफ्ट है।
कैटरीना ने रिक्वेस्ट करके अजय से वो गिफ्ट का पैकेट ले लिया। बाद में नाना पाटेकर के कमरे में पहुंचकर सबसे पहले नाना उन्होंने नाना का मुबाकरबाद देकर पैकेट पकड़ा दिया। नाना भौचक्के से कैट को देखते रहे। बाद में जब उन्होंने कैट को बताया कि उनका जन्मदिन नहीं है तो कैट अवाक रह गईं।
इसके बाद जो हुआ उससे तो कैट के होश ही उड़ गए। जब अजय तीनों के साथ नाना के कमरे में पहुंचे और चारों भोले बनने की एक्टिंग करने लगे। जिद करके उन्होंने नाना से गिफ्ट खुलवाया उसके बाद जो सामने आया उसे देखकर कैट शर्म से पानी पानी हो गईं। उसमें से अंडरवियर, जूते और मोजे निकले। पांचों ने जोरदार ठहाका लगाया।
उनके एक दीवाने यतीश ने बार उनकी फिल्म 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' देखने के लिए सारी रात टिकट खिड़की के सामने जागते हुए गुजारी थी। इतना ही नहीं वह अजय के स्टाइल और अंदाज को भी कॉपी किया करता है और उनकी हर फिल्म रिलीज़ होने पर फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखता है। यतीश का कहना है कि अजय की एक्टिंग का कोई जवाब नहीं। वह किसी भी किरदार को इतना बखूबी निभाते हैं कि स्क्रीन से मेरी नजरें उनपर से हटती ही नहीं हैं।
उन्हें जनता ने सुपरस्टार बनाया है और वह जनता के मनोरंजन के लिए ही फिल्में बनाते हैं। शुरूआत में सबने मेरे काम में खोट निकालने की कोशिश की। मैंने लोगों पर भरोसा किया। आज खोट निकालने वाले कहीं नहीं हैं मैं आज भी काम कर रहा हूं।

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