जब एकता कपूर ने फिल्में बनाने की बात सोची तो उन पर भरोसा नहीं किया गया। फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें लगातार हतोत्साहित किया। लेकिन उन्होंने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया और बॉलीवुड को अंडरवर्ल्ड से लेकर रहस्य और रोमांच शैली की फिल्में देकर उन्हें हतोत्साहित करने वाले लोगों को गलत साबित किया।
एकता ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, "जब मैं टीवी के लिए काम करती थी मुझसे कहा गया कि मैं फिल्में नहीं बना सकती, मैं फिल्म जैसे माध्यम की समझ नहीं रखती। लोगों को लगता था कि मेरी फिल्में भी गहनों और सास बहुओं वाली होंगी। शायद लोग चाहते थे कि मैं इंडस्ट्री में न आऊं"
टीवी की दुनिया में धारावाहिक 'हम पांच' से साल 1995 में कदम रखने के बाद उस वक्त मात्र 20 साल की रहीं एकता ने एक बार भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने बालाजी टेली फिल्मस के बैनर तले एक के बाद एक कई सफल धारावाहिक बनाए और 20 सालों से टीवी की दुनिया में राज कर रहीं हैं।
छोटे पर्दे की मलिका के खिताब से नवाजी गईं एकता ने 'इतिहास', 'कोशिश. एक आशा', 'क्यूंकि. सास भी कभी बहू थी', 'कहानी घर घर की', 'कुसुम. एक आम लड़की की कहानी', 'कसौटी. जिंदगी की', 'मानो या न मानो' और 'कोई आने को है' जैसे सफल धारावहिक दिए हैं।
बड़े पर्दे पर उन्होंने 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुम्बई', 'रागिनी एमएमएस' और 'द डर्टी पिक्चर' जैसी उल्लेखनीय फिल्में दीं हैं।
एकता कहती हैं, "जब भी आप अपने काम का माध्यम बदलते हैं तो आपको नए सिरे से खुद को साबित करना पड़ता है। हर किसी को अपने आसान कार्यक्षेत्र से हर बार बाहर आना पड़ता है। फिल्मों में आने के बाद मुझे भी काफी संघर्ष करना पड़ा लेकिन सब बातों को स्वीकारा।"
आने वाले समय में एकता की कई फिल्में सिनेमाघरों में आने को वाली हैं जिनमें 'शूटऑउट एट वडाला', 'लुटेरा' और 'एक थी डायन' प्रमुख हैं।
फिलहाल एकता कनन अय्यर निर्देशित 'एक थी डायन' के प्रचार कार्यक्रम में व्यस्त हैं। फिल्म 19 अप्रैल को प्रदर्शित हो रही है।

0 comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.