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हिन्दी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत भले ही लाखों दिलों पर राज कर रही हों और उन्होंने अनेकों पुरस्कार जीते हों लेकिन उनका कहना है कि वे एक अवांछित बच्ची थीं जिसे लगातार उनके ‘अवांछित अस्तित्व’ के बारे में याद दिलाया गया. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 28 साल की अभिनेत्री ने आह्वान किया कि केवल अपने जिंदगी में शामिल पुरूषों की खुशी की परवाह करने वाली महिलाओं को ‘निस्वार्थ’ भारतीय महिलाओं के तौर पर पेश करना बंद होना चाहिए क्योंकि यह प्रतिगामी कदम है.कंगना ने बताया मेरे माता पिता का रंगोली बहन से पहले एक बच्चा था जिसकी जन्म के दस दिन के भीतर मौत हो गई उसका नाम हीरो था. मेरे माता पिता उस बच्चे की मौत से उबर नहीं पाए। लेकिन फिर रंगोली हुई और उसका ध्यान रखा गया, खूब खुशियां मनायी गयीं.उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब मेरा जन्म हुआ तो मेरे माता पिता खासकर मेरी मां इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही थीं कि घर में एक और लड़की पैदी हुई. मुझे ये कहानियां विस्तार से पता हैं क्योंकि जब भी घर में कोई मेहमान आता था या लोग जुटते थे, मेरे सामने यह कहानी दोहरायी जाती थी कि मैं किस तरह एक अवांछित बच्ची थी.कंगना की एक बड़ी बहन रंगोली और एक छोटा भाई अक्षत है।अभिनेत्री ने कहा कि उनके लिए बार बार यह सुनना पीड़ादायक था.

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