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आम जिंदगी और पेशे जैसी ही है हिंदी फिल्म इंडस्ट्री। यहां भी रक्तबंधन है। फिल्मकार व कलाकार अपने सगे-संबंधियों का भला सोचते हैं। कई अपने से छोटे या बड़ों की मदद करते हैं, लेकिन कई बार साथ व सहयोग प्रतिस्पर्धा में बदलती महसूस होती है। इस हफ्ते दो फिल्में एक साथ रिलीज हो रही हैं। उनके नाम 'जंजीर' और 'शुद्ध देसी रोमांस' हैं। इनमें प्रियंका चोपड़ा व परिणीति चोपड़ा हैं। दोनों चचेरी बहन हैं। दोनों के प्रशंसक व फिल्मी दुनिया में कुछ लोग इसे 'आमना सामना' की स्थिति की तरह देख रहे हैं। लोगों का मानना है कि जिस तरह रीयल लाइफ में डॉक्टर भाई-बहन के क्लिनिक एक ही इलाके में हों, तो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर दोनों के मरीज बंटते जरूर हैं। ठीक उसी तरह एक ही पेशे में एक ही तरह का काम करने के चलते प्रियंका और परिणीति चोपड़ा की भी यही स्थिति बन सकती है। उनके भी फैन बेस में बंटवारा हो सकता है। वैसे भी अदाकारी सबसे इनसिक्योर पेशा माना जाता है। खासकर अभिनेत्रियों का करियर फेज वैसे भी छोटा होता है। ऐसे में, परिणीति का फिल्म-दर-फिल्म आगे बढ़ना प्रियंका के लिए चुनौती साबित हो सकता है। इस अंदेशे को इस तर्क से भी बल मिलता है कि दोनों करिश्मा-करीना कपूर जैसी सिचुएशन में नहीं हैं। करिश्मा अपनी पारी खेल चुकी थीं तब करीना ने इंडस्ट्री में दस्तक दी थी। उसके बाद से करिश्मा के करियर की नैया डगमगाने लगी और रही-सही कसर उन्होंने शादी करके पूरी कर दी। लेकिन अभी प्रियंका का करियर उठान पर है। ऐसे में परिणीति का उभरना कहीं उनके लिए थ्रेट साबित तो नहीं हो सकता? ट्रेड पंडितों की राय इससे जुदा है। वे परिणीति को प्रियंका के लिए खतरा नहीं मानते। कोमल नाहटा कहते हैं, 'मुझे नहीं लगता कि दोनों का आमना-सामना है। 'शुद्ध देसी रोमांस' को एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में आमंत्रित किया गया है, इसलिए उसे प्री-पोन किया गया। दूसरी बात यह है कि दोनों फिल्मों का जोनर अलग-अलग है। ऐक्शन फिल्मों के प्रशंसक 'जंजीर' देखने जाएंगे, रोमांस पसंद करने वाले 'शुद्ध देसी रोमांस'। वैसे भी हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्रियों का वह कद नहीं हुआ है कि वे रिलीज डेट तय कर सकें। अगर मामला दो हीरो भाइयों का होता, तो आमना-सामना सिचुएशन की बात कही जा सकती थी।'
तरण आदर्श के मुताबिक, 'प्रियंका और परिणीति चोपड़ा की खासियत है कि दोनों इनसेक्योर शख्सियत नहीं हैं। प्रियंका पहले ही खुद को स्थापित कर चुकी हैं, जबकि परिणीति उस प्रक्रिया में हैं। दोनों की फैन बेस भी अलग-अलग हैं, इसलिए उन दोनों में सीधा टकराव तो मुझे नहीं दिखता। दूसरी बात यह भी है कि अगर प्रतिस्पर्धा है भी तो इससे उनका व प्रशंसकों का भला है। दोनों सचेत रहकर फिल्मों व किरदार का चुनाव करेंगी।' वरिष्ठ फिल्म पत्रकार कुणाल एम. शाह बताते हैं, 'मेरे ख्याल से परिणीति अभी महज दो फिल्में पुरानी हैं। अब तक उन्होंने यशराज के क्लोज ऐटमॉसफेयर में काम किया है। इत्तफाकन दोनों फिल्मों में उनका किरदार एक सा ही निकला है। जब वे अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलेंगी, तब उनकी अदाकारी का हुनर सबको दिखेगा। वैसे भी वे खुद इस बात की ताकीद कर चुकी हैं कि वे बाय चांस अभिनेत्री बनी हैं। इसमें जब तक उन्हें मजा आता रहेगा, वे करती रहेंगी। दूसरी बात यह भी है कि अभी उन्होंने करियर की शुरुआत भर की है। टॉप फाइव में वैसी अभिनेत्रियां ही हैं, जो कम से कम आठ-नौ साल से सतत सफलता अर्जित कर रही हैं। प्रियंका का लंबा फिल्मी अनुभव है। उन्होंने विविध भूमिकाएं निभा कर खुद को साबित व स्थापित किया है। उनमें अलग किस्म की संभावनाएं हैं। मैं नहीं मानता कि प्रियंका के कद और अनुभव से परिणीति का मुकाबला मुमकिन है।' खुद परिणीति चोपड़ा भी 'आमना-सामना' सिचुएशन को खारिज करती हैं। वे कहती हैं, 'वे मेरी बहुत अच्छी 'दी' हैं। उनसे प्रतिस्पर्धा की बात तो मैं सपने में भी नहीं सोच सकती। उसी के चलते तो मैं फिल्मों में आई, तो मेरे जेहन में उनसे सीधी प्रतिस्पर्धा का ख्याल कहीं से और कभी नहीं आ सकता। वे तो उल्टा मुझे गाइड करती रहती हैं। जब भी किसी सीन को लेकर संशय होता है, मैं सबसे पहले उनसे बात करती हूं। वे मेरा कन्फ्यूजन दूर करती हैं। लिहाजा अगर उनकी मेरे प्रति ऐसी कोई भावना होती, तो वे क्यों मुझे गाइड करतीं? बहरहाल, हम दोनों की फिल्में सेम डे रिलीज हो रही हैं। इसका बड़ा फायदा यह है कि मैं उनकी फिल्म 'जंजीर' देखूंगी और वे मेरी 'शुद्ध देसी रोमांस'..।'

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