
कुमार ने अपने कैरियर की शुरुआत 1957 में की थी। मनोज कुमार की फिल्मों की संक्षिप्त जानकारी देने के बाद जब पुरस्कार के लिए उनका नाम पुकारा गया तो दर्शकों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। इस समारोह में बॉलीवुड की कई हस्तियां उपस्थित थीं, जिनमें अमिताभ बच्चन, संजय लीला भंसाली, कंगना रनौत, ऐश्वर्य राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, शबाना आजमी, जावेद अख्तर प्रमुख थे।
मनोज कुमार ने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अपनी जेब से मूर्ति निकाल कर राष्ट्रपति को भेंट की। भगवा रंग के पैटर्न वाली शर्ट और माथे पर भगवा पट्टी बांधे अभिनेता ने सम्मान के तौर पर परंपरागत भारतीय तरीके से राष्ट्रपति का चरण स्पर्श किया। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में उत्कृष्ट योगदान देनेवालों को भारत सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके तहत एक स्वर्ण कमल, एक शॉल और 10 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं।
यह सम्मान सरकार द्वारा गठित जानेमाने लोगों की समिति की अनुशंसा के आधार पर दिया जाता है। इस साल पांच सदस्यीय जूरी में लता मंगेशकर, आशा भोंसले, सलीम खान, नितिन मुकेश और अनूप जलोटा शामिल थे। उन सभी ने सर्वसम्मति से इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को मनोज कुमार को देने की सिफारिश की थी।
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