हिन्दी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे है . अमिताभ बच्चन ने कहा, ‘बहुत सारे लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं इस उद्देश्य के लिए अपनी सेवाएं क्यों देता हूं. मेरा चिकित्सा रिकॉर्ड कठिन रहा है. टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के मेरे कारणों में से एक यह है कि मैं इससे पीड़ित रहा हूं. 2000 में मुझे टीबी हुआ था और करीब एक साल तक मेरा कठोर उपचार चला. मुझे उस दिन टीबी हुआ जिस दिन मैं टीवी शो केबीसी ( कौन बनेगा करोड़पति) शुरू करने जा रहा था. यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ा था.’
उन्होंने भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा, सिविल सोसाइटी और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम में शामिल होते हुए कहा, ‘यह बहुत कष्टदायक होता है. आप बैठ या लेट नहीं सकते. अधिकतर समय मैं गेम शो प्रस्तुत करने के दौरान सहज रहने के लिए हर दिन आठ-दस पेन किलर गोलियां लेता था.’ बच्चन ने कहा कि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है. उन्होंने बताया कि एक साल के इलाज के बाद वह बीमारी से मुक्त हो गए.
अमिताभ बच्चन ने विश्व टीबी (tuberculosis) दिवस से पहले सोमवार को कहा कि वह पहले टीबी से पीड़ित रहे हैं और इसलिए उन्होंने बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का बीड़ा उठाया.
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