 स्टोरी: फिल्म की कहानी तीन दोस्तों अर्जुन(ऋतिक रोशन),इमरान (फरहान अख्तर) और कबीर(अभय देओल) पर आधारित है| कबीर अपनी गर्लफ्रेंड नताशा(कल्कि कोचलिन)से सगाई कर लेता है और अपने दोनों खास दोस्तों के साथ तीन हफ़्तों के रोड ट्रिप पर स्पेन के लिए निकल पड़ता है|
इस रोड ट्रिप का उद्देश्य यह होता है कि चारों ट्रिप के दौरान अपने एक पसंदीदा खेल को खेलेंगे और बाकि दोस्त उसमें उस व्यक्ति का साथ देंगे| अर्जुन (ऋतिक रोशन) काम में डूबा हुआ शख्स है जिसे अपने काम के अलावा कुछ और नजर नहीं आता मगर वह भी ट्रिप पर इस प्लान को अपनी स्वीकृति दे देता है|
तीनों बार्सिलोना में अलग अलग एडवेंचर स्पोर्ट्स को खेलने में अपने हाथ आजमाते हैं| इसी दौरान अर्जुन की मुलाकात लैला(कैटरीना कैफ) से होती है और उसकी जिंदगी बदल जाती है| रोड ट्रिप के दौरान दोस्तों के बीच के मतभेद भी दूर हो जाते हैं और इसी दौरान सब अपने डर से मुक्ति पाने में भी सफल हो जाते हैं|
स्टोरी ट्रीटमेंट: तीन बैचलर लड़कों की इस कहानी को खूबसूरती के साथ पेश किया गया है| फिल्म का पहला हिस्सा थोड़ा कम रोचक लगता है क्योंकि इन्हें केवल यात्रा करते ही दिखाया जाता है| इसी दौरान अर्जुन और इमरान के बीच के पिछले तनाव उभर कर सामने आ जाते हैं|
फिल्म के कुछ दृश्य काफी खूबसूरती के साथ फिल्माए गए हैं, खासकर इमरान का अपने पिता सलमान से मिलने वाला दृश्य बहुत ही खूबसूरती से फिल्माया गया है जो दिल को छू जाता है| स्पेन में होने वाले ला टोमेटिना फेस्टिवल को भी इक जूनून गाने के माध्यम से बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है|
हालांकि 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' एक मल्टी स्टारर फिल्म है मगर हर किरदार बहुत ही खूबसूरती के साथ उभर कर सामने आता है| फिल्म का अधिकांश हिस्सा बार्सिलोना,पेम्पलोना,इजिप्ट,स्पेन और मुंबई में फिल्माया गया है| स्काय डाइविंग,स्कूबा डाइविंग और बुल फाइटिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स भी बढ़िया तरीके से फिल्माए गए हैं|
स्टार कास्ट: यह पहला मौका है जब फरहान अख्तर ऋतिक रोशन के साथ किसी फिल्म में लीड एक्टर के तौर पर नजर आ रहे हैं| उन्होंने ऋतिक को फिल्म लक्ष्य में डायरेक्ट किया था| कपल के तौर पर ऋतिक और कैटरीना की जोड़ी शानदार दिखी है|
लैला (डाइविंग इंस्ट्रक्टर) के रोल में कैटरीना एक दम फिट बैठी हैं| कल्कि और अभय इससे पहले 'देव डी' में साथ नजर आ चुके हैं और इस फिल्म में भी उन्होंने बढ़िया काम किया है| कल्कि ने एक ओवर प्रोटेक्टिव गर्लफ्रेंड के किरदार को बढ़िया तरीके से निभाया है| वहीं ऋतिक और फरहान ने भी अपने किरदारों को बढ़िया तरीके से पेश किया है| फिल्म में सुहैल सेठ और नसीरुद्दीन शाह ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है|
निर्देशक: निर्देशिका के तौर पर जोया अख्तर ने एक बार फिर बढ़िया निर्देशन का परिचय दिया है| जोया ने फिल्म की कहानी के जरिये यही दर्शाने की कोशिश की है कि जिंदगी के हर लम्हे को खुलकर जीना चाहिए| फिल्म में ड्रामा,थ्रिल और रोमांस सब कुछ है और हर पात्र बहुत ही जीवंत सा लगता है|
डायलॉग्स/सिनेमाटोग्राफी/म्यूजिक: सधी हुई कहानी लिखने का सारा श्रेय जोया अख्तर और रीमा कागती को जाता है जिन्होंने बेहतरीन स्क्रीनप्ले लिखा है| डायलॉग्स भी पंचिंग हैं| फरहान अख्तर के डायलॉग 'डर के आगे जीत है' और 'शिट हैपन्स' आपको फिल्म 'डेल्ही बैली' की याद दिला देते हैं|
अंडरवाटर सींस को फोटोग्राफी निर्देशक कार्लोस केटालन ने बहुत ही उम्दा तरीके से शूट किया है|
शंकर-एहसान और लॉय द्वारा दिया गया संगीत और जावेद अख्तर द्वारा लिखे गए गीत भी नया उत्साह जगाते हैं| खासकर सेनोरिटा गाने में अभय,ऋतिक और फरहान की आवाज़ फिल्म के संगीत का मुख्य आकर्षण बन गया है|
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