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Movie Review: 'शानदार'

फ़िल्म- शानदार
निर्माता- फॉक्स स्टार स्टूडियो और फैंटम
निर्देशक- विकास बहल

संगीतकार -
अमित त्रिवेदी

कलाकार- शाहिद कपूर, आलिया भट्ट ,पंकज कपूर ,सना कपूर और अन्य

रेटिंग-
दो

हिंदी सिनेमा में शादी पर  कई फिल्मों की कहानी ,गीत और दृश्य बुने गए हैं. विकास बहल की यह फ़िल्म डेस्टिनेशन वेडिंग यानि दूर कहीं किसी जगह पर फॅमिली और दोस्तों के साथ मिलकर भव्य शादी के इनदिनों चर्चित फॉर्मूले पर आधारित है। दो यूरोप  के अमीर परिवार हैं. जिनके बच्चों के बीच शादी हो रही है। शादी के प्लानर जोगिन्दर (शाहिद ) हैं और आलिया की बहन की शादी हो रही हैं. इस शादी में आलिया और जोगिन्दर एक दूसरे के करीब आ जाते  हैं. आलिया के पिता बिपिन (पंकज कपूर) को इससे  ऐतराज़ है. ऐसे में  इनके प्यार को कैसे स्वीकृति मिलती है यही इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म की कहानी है।  फ़िल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा एंटरटेनिंग ज़रूर है।सेकंड हाफ के बाद कहानी में बिखराव नज़र आता है। दृश्यों का खुद में सामंजस्य नज़र नहीं आता है.

स्क्रीनप्ले की खामियां फिल्म को बोझिल बना जाती हैं. क्वीन जैसी सशक्त विषय पर  फिल्म बना चुके विकास बहल की यह फिल्म है इस बात पर ज़रूर अचरज होता है. फिल्म का क्लाइमेक्स थोपा जान  पड़ता है. फिल्म में सिर्फ भव्यता का ध्यान रखा गया है. फिल्म की कॉमेडी भी कुछ दृश्यों को छोड़ गुदगुदाती नहीं है. कई सीन ज़बरदस्ती के बनाए लगते हैं मेहँदी विद करन  एक ऐसा ही  दृश्य है. फ़िल्म में पहली बार शाहिद कपूर और आलिया भट्ट की जोड़ी बनी है जो किसी विज़ुअल ट्रीट से कम नहीं है.

फ़िल्म में उनकी जोड़ी बहुत फ्रेश और क्यूट लग रही है जिससे उनकी बीच के इनकार इकरार के दृश्य खास बन गए हैं. आलिया  भट्ट और शाहिद कपूर ने अपने दिए गए दृश्यों में पूरी मेहनत की है. पंकज कपूर उम्दा अभिनेता हैं फिर स्क्रिप्ट चाहे जैसी भी हो वह अपना जादू चला ही देते हैं लेकिन इन कलाकारों का उम्दा अभिनय भी फिल्म को बचा नहीं पाता है. पंकज कपूर की बेटी सना इस फ़िल्म से अपने कैरियर की शुरुवात की है.पहली फ़िल्म होने के नाते वह अच्छा कर गयी हैं हाँ वह और अच्छा कर सकती थी.

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है खासकर क्लाइमेक्स में। फिल्म में करन जोहर फिर से अभिनय करते दिख रहे हैं.बतौर अभिनेता वह कई बार परदे पर नाकामयाब हुए हैं लेकिन फिर भी वह लगातार नज़र आ रहे  हैं फिल्मों में यह बात समझ नहीं आती है. अमित त्रिवेदी का संगीत अच्छा है. फिल्म के मुड को बखूबी दर्शाता है. फ़िल्म के कई गीत पहले ही हिट हो चुके हैं. फिल्म के सवांद औसत हैं. फिल्म विदेश में शूट हुई है इसलिए फिल्म के लोकेशन बहुत खूबसूरत हैं  कुलमिलाकर फिल्म अपने नाम के विपरीत है हाँ फिल्म का गीत तो रायता फ़ैल गया ज़रूर इसका सटीक शीर्षक साबित होता है.






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